आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लंबे समय तक बैठना हमारी रोज़मर्रा की आदत बन गयी है। चाहे ऑफिस में कंप्यूटर के सामने काम करना हो, पढ़ाई करना हो, या मोबाइल और टीवी का इस्तेमाल हो; बैठे-बैठे घंटों गुजारना आजकल एक आम बात है।
किन यही आदत पीठ दर्द की एक बड़ी वजह भी बन सकती है। खासतौर पर गलत मुद्रा में बैठना और बिना ब्रेक लिए लगातार बैठे रहना रीढ़ और मांसपेशियों पर नकारात्मक असर डालता है। अच्छी बात यह है कि सही पोश्चर, नियमित हलचल, और आधुनिक नॉन-सर्जिकल उपचार अपनाकर हम इस समस्या से बच सकते हैं।
गलत मुद्रा और लंबे समय तक बैठने के प्रभाव
लंबे समय तक बैठने के कई नुकसान हैं, खासकर जब मुद्रा (पोश्चर) सही न हो:
- रीढ़ का प्राकृतिक आकार बिगड़ना: गलत मुद्रा से रीढ़ का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे पीठ पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- मांसपेशियों में कमजोरी और अकड़न: लगातार बैठे रहने से पीठ, कमर और पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
- डिस्क पर दबाव बढ़ना: यह स्थिति डिस्क हर्निएशन (स्लिप डिस्क) या डिस्क बल्ज की संभावना बढ़ा देती है।
- रक्त प्रवाह में कमी: लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से रक्त संचार धीमा हो जाता है, जिससे थकान और जकड़न महसूस होती है।
- गर्दन और कंधे में तनाव: झुककर बैठने से गर्दन और कंधों में खिंचाव और दर्द होता है।
बचाव के उपाय
रोकथाम और समय पर इलाज अपनाकर आप न सिर्फ दर्द से बच सकते हैं, बल्कि अपनी रीढ़ को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
1. सही पोश्चर अपनाना
बैठते समय पीठ सीधी, कंधे रिलैक्स, और पैरों को जमीन पर सपाट रखें। कमर के पीछे सपोर्ट के लिए कुशन या लंबर रोल का उपयोग करें।
2. नियमित ब्रेक लेना
हर 30-40 मिनट में उठकर कुछ मिनट के लिए चलें या स्ट्रेच करें। यह मांसपेशियों को सक्रिय और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाए रखता है।
3. एर्गोनोमिक फर्नीचर का इस्तेमाल
ऐसी कुर्सी चुनें जिसमें कमर के लिए सही सपोर्ट हो और सीट की ऊँचाई ऐसी हो कि घुटने 90 डिग्री पर रह सके।
4. हल्का व्यायाम और स्ट्रेचिंग
रोज़ाना 15-20 मिनट योगासन, वॉक, या कोर स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज करें। कैट-काउ पोज, बालासन, और पेल्विक टिल्ट्स जैसे आसन पीठ को लचीला और मजबूत बनाते हैं।
5. स्क्रीन लेवल सही रखना
लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल करते समय स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें, ताकि आपको लगातार गर्दन झुकाकर न बैठना पड़े।
बिना सर्जरी के उपचार
यदि लंबे समय तक बैठने के कारण पीठ दर्द हो रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं। कई सुरक्षित और प्रभावी नॉन-सर्जिकल उपचार उपलब्ध हैं, जो पीठ दर्द को जड़ से कम करते हैं।
फिजियोथेरेपी और पोश्चर करेक्शन
अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा दिए गए स्ट्रेच और व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, लचीलापन बढ़ाते हैं, और सही पोश्चर बनाए रखने में मदद करते हैं।
हीट/कोल्ड थेरेपी
गर्म सिकाई मांसपेशियों को रिलैक्स करती है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है, जबकि ठंडा आइस पैक सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट (NSSDT)
यह एक अमेरिकी प्रोटोकॉल पर आधारित, कंप्यूटर-नियंत्रित उपचार है, जिसमें रीढ़ की हड्डी पर कोमल खिंचाव देकर डिस्क और नसों पर से दबाव कम किया जाता है। यह डिस्क में पोषक तत्व और पानी के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे प्राकृतिक रूप से उपचार होता है। सबसे खास बात; नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट पूरी तरह आरामदायक, सुरक्षित, और बिना दवा या सर्जरी के किया जाता है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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