आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में रीढ़ से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें से एक है डिजनरेटिव डिस्क रोग (Degenerative Disc Disease)। यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ या खराब जीवनशैली के कारण विकसित होती है, जिसमें रीढ़ की डिस्क धीरे-धीरे कमजोर और पतली हो जाती है।
अक्सर मरीज सोचते हैं कि इसका इलाज केवल सर्जरी के जरिए ही संभव है। लेकिन सर्जरी न केवल महंगी और जोखिम भरी होती है, बल्कि इससे लंबे समय तक रिकवरी की भी जरूरत पड़ती है। अच्छी बात यह है कि आज बिना सर्जरी के कई सुरक्षित और प्रभावी उपचार विकल्प उपलब्ध हैं, जो मरीजों को लंबे समय तक राहत दे सकते हैं।
डिजनरेटिव डिस्क रोग क्या है?
रीढ़ की हड्डी, यानी हमारी स्पाइन, कई वर्टिब्रा (कशेरुकाओं) से बनी होती है और इनके बीच स्पाइनल डिस्क मौजूद होती है। ये डिस्क शॉक एब्जॉर्बर का काम करती हैं और रीढ़ को लचीलापन देती हैं।
डिजनरेटिव डिस्क रोग तब होता है जब समय के साथ ये डिस्क अपनी लचक, नमी, और मजबूती खो देती हैं।
मुख्य लक्षण:
- लगातार गर्दन या पीठ दर्द
- झनझनाहट या सुन्नपन
- हाथों और पैरों में कमजोरी
- लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने पर दर्द बढ़ना
- गतिशीलता में कमी
यह स्थिति सिर्फ उम्र बढ़ने से नहीं होती, बल्कि गलत पोश्चर, चोट, अधिक वजन, और निष्क्रिय जीवनशैली भी इसके कारण हो सकते हैं।
सर्जरी की सीमाएं
कई मरीज डिजनरेटिव डिस्क रोग का इलाज कराने के लिए सर्जरी का विकल्प चुनते हैं। हालांकि, इसके साथ कुछ बड़ी जोखिमें जुड़ी होती हैं:
- महंगी और जटिल प्रक्रिया: सर्जरी का खर्चा काफी ज्यादा होता है।
- रिकवरी में समय: मरीज को लंबे समय तक आराम की जरूरत होती है।
- अनिश्चित परिणाम: हर बार सर्जरी से अपेक्षित परिणाम मिलें यह जरूरी नहीं है।
- ऑपरेशन में रिस्क: इंफेक्शन, नसों को नुकसान, या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।
इसी वजह से आज ज्यादातर लोग बिना सर्जरी के विकल्प तलाशते हैं।
बिना सर्जरी के इलाज के विकल्प
आज कई आधुनिक विकल्प उपलब्ध हैं, जो दर्द को केवल दबाते नहीं बल्कि उसके मूल कारण को ठीक करते हैं।
फिजियोथेरेपी और योग
- रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
- लचीलापन और गतिशीलता में सुधार लाते हैं।
- दर्द और अकड़न कम करते हैं।
लाइफस्टाइल में सुधार
- सही पोश्चर अपनाना (सीधे बैठना और झुककर काम न करना)।
- नियमित वॉक और हल्की एक्सरसाइज।
- वजन को नियंत्रित रखना।
हीट/कोल्ड थेरेपी
- बर्फ लगाने से सूजन और छोटी चोट में राहत मिलती है।
- गर्म सेक से रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट (NSSDT)
यह एक आधुनिक और वैज्ञानिक उपचार है, जिसे विशेष रूप से डिजेनरेटिव डिस्क जैसी स्थितियों के लिए विकसित किया गया है।
- इसमें मरीज को एक विशेष कंप्यूटर-नियंत्रित डीकंप्रेशन टेबल पर लिटाया जाता है।
- मशीन धीरे-धीरे रीढ़ को खींचती है और निगेटिव प्रेशर उत्पन्न करती है।
- इससे दबावग्रस्त डिस्क रिलैक्स होती है और उसमें पोषण व ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है।
- डिस्क की प्राकृतिक रूप से ठीक होने की प्रक्रिया शुरू होती है और दर्द में राहत मिलती है।
यह उपचार पूरी तरह बिना दवा, बिना इंजेक्शन, और बिना सर्जरी के होता है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट के फायदे:
- दर्द के मूल कारण का समाधान
- पूरी तरह सुरक्षित और आरामदायक
- लंबे आराम की जरूरत नहीं
- दवा और सर्जरी से मुक्त
- कुछ ही हफ्तों में राहत महसूस होना
- लंबे समय तक असरदार परिणाम
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट ने हजारों मरीजों को स्पाइन सर्जरी से बचाया है और उन्हें फिर से सक्रिय और दर्द-मुक्त जीवन जीने के लिए मदद की है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
ANSSI Wellness से जुड़ें LinkedIn, Instagram, और Facebook पर और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करें।