आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द एक आम समस्या बन चुकी है। खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं या गलत मुद्रा (Posture) में बैठे रहते हैं। पीठ दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं और डिस्क बल्ज (Disc Bulge) उनमें से एक प्रमुख कारण है।
जब रीढ़ की डिस्क अपनी जगह से बाहर निकलकर नसों पर दबाव डालती है, तो पीठ और पैरों में दर्द, झनझनाहट, और सुन्नपन जैसे लक्षण महसूस होते हैं। कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि चलना-फिरना भी कठिन हो जाता है।
अच्छी बात यह है कि डिस्क बल्ज से होने वाला दर्द केवल सर्जरी से नहीं, बल्कि सही देखभाल और बिना सर्जरी के उपचारों (Non-Surgical Treatments) से भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
डिस्क बल्ज और पीठ दर्द का संबंध
रीढ़ की हड्डी में मौजूद स्पाइनल डिस्क हमारे शरीर को लचीलापन और सहारा देती हैं। जब यह डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है या बाहर की ओर उभर आती है, तो इसे डिस्क बल्ज कहा जाता है। यह स्थिति आसपास की नसों पर दबाव डालती है।
- इससे पीठ में लगातार दर्द रहने लगता है।
- प्रभावित क्षेत्र में सूजन और अकड़न हो सकती है।
- नसों पर दबाव के कारण पैरों या हाथों में सुन्नपन और कमजोरी भी आ सकती है।
- लंबे समय तक बैठने या झुककर काम करने से दर्द और बढ़ जाता है।
यदि इस स्थिति को नजरअंदाज कर दिया जाए, तो यह आगे चलकर हर्नियेटेड डिस्क जैसी गंभीर समस्या में बदल सकती है।
दर्द कम करने के बिना सर्जरी के उपाय
कुछ सुरक्षित विकल्पों की मदद से इस पीठ दर्द को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
1. सही मुद्रा अपनाना
- बैठते समय रीढ़ को सीधा रखें।
- ऑफिस में काम करते समय एर्गोनोमिक चेयर का इस्तेमाल करें।
- मोबाइल या लैपटॉप इस्तेमाल करते समय गर्दन को ज्यादा झुकाकर न बैठें।
2. हल्के व्यायाम और योग
- कैट-काउ पोज़ (Cat-Cow Pose): यह रीढ़ को लचीला बनाता है और पीठ की जकड़न कम करता है।
इसे करने के लिए हाथ और घुटनों के बल टेबलटॉप पोजीशन में आएं। सांस लेते हुए पीठ को नीचे करें और सिर ऊपर उठाएं (काउ पोज)। सांस छोड़ते हुए पीठ को गोल करें और सिर नीचे करें (कैट पोज)। इसे १०-१२ बार दोहराएं।
- पेल्विक टिल्ट्स (Pelvic Tilts): पीठ और पेल्विक क्षेत्र को मजबूत करता है।
इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें, और पैर ज़मीन पर रखें। धीरे-धीरे पेट के निचले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और कुछ सेकंड रुकें। इसे १०-१५ बार दोहराएं।
- हल्की वॉकिंग (Walking): नियमित चलने से रक्त संचार बेहतर होता है और मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं।
3. फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी के जरिए मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाया जा सकता है। यह रीढ़ पर दबाव कम करने में मदद करती है और दर्द को धीरे-धीरे कम करती है।
4. हीट और कोल्ड थेरेपी
यह दोनों उपाय तुरंत राहत देने में कारगर होते हैं।
- गर्म सेक से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और रक्त संचार बेहतर होता है।
- ठंडा पैक प्रदाह और नसों की सूजन को कम करता है।
5. नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट
यह एक आधुनिक, अमेरिकी प्रोटोकॉल पर आधारित तकनीक है। इसमें विशेष मशीन द्वारा रीढ़ को धीरे-धीरे और नियंत्रित खिंचाव दिया जाता है।
- इससे डिस्क और नसों पर दबाव कम होता है।
- डिस्क में पोषक तत्व और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है।
- प्राकृतिक रूप से ठीक होने की प्रक्रिया तेज होती है।
स्पाइनल डीकंप्रेशन पूरी तरह सुरक्षित और दर्द रहित उपचार है, जिसमें दवा, इंजेक्शन, या सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती।
डॉक्टर से संपर्क कब करें?
हालांकि हल्का पीठ दर्द सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे, तो इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है।
डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यदि:
- दर्द लगातार कई हफ्तों तक बना रहे।
- दर्द रात के समय ज्यादा हो जाए।
- पैरों या हाथों में झनझनाहट, सुन्नपन, या कमजोरी हो।
- चलने, बैठने, या खड़े होने में कठिनाई हो।
समय पर इलाज लेने से स्थिति बिगड़ने से बचाई जा सकती है और मरीज को लंबे समय तक राहत मिल सकती है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
ANSSI Wellness से जुड़ें LinkedIn, Instagram, और Facebook पर और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करें।