आज के दौर में, अधिकांश ऑफिस में काम करने वाले, अपना पूरा दिन ऑफिस में कंप्यूटर के सामने बिताते हैं। लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठना, लगातार स्क्रीन को झुककर देखना, और शारीरिक गतिविधियों की कमी, ये सभी आदतें धीरे-धीरे रीढ़ संबंधी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
इन्हीं में से एक समस्या है स्पॉन्डिलाइटिस, जो रीढ़ की हड्डी और आसपास के जोड़ों में सूजन और दर्द की स्थिति है। यह न केवल आपके कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता को भी कम कर देती है।
स्पॉन्डिलाइटिस क्या है?
स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार की क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी कंडीशन है, जिसमें रीढ़ की हड्डियों और जोड़ों में सूजन आ जाती है। यह गर्दन (सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस) और कमर (लम्बर स्पॉन्डिलाइटिस) दोनों को प्रभावित कर सकती है।
इसके लक्षण:
- गर्दन या कमर में लगातार दर्द
- अकड़न और जकड़न
- सुबह उठते समय स्टिफनेस
- शरीर को घुमाने या मोड़ने में कठिनाई
लंबे समय तक अनदेखा करने पर यह समस्या बढ़ सकती है और डिस्क या नसों पर दबाव डालकर चलने-फिरने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है।
लंबे समय तक बैठने का प्रभाव
ऑफिस कर्मचारियों की दिनचर्या अक्सर उन्हें 8-10 घंटे लगातार कुर्सी पर बैठने के लिए मजबूर करती है। यह जीवनशैली स्पॉन्डिलाइटिस के खतरे को बढ़ाने के पीछे एक बड़ा कारण है।
- गलत मुद्रा (Poor Posture): लगातार झुककर स्क्रीन देखना, गर्दन को आगे की ओर झुकाना, या कमर को सही सपोर्ट न देना, रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
- डिस्क पर दबाव: लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से रीढ़ की डिस्क पर असमान दबाव पड़ता है। यह धीरे-धीरे डिस्क बल्ज या हर्नियेशन का कारण बन सकता है।
- मांसपेशियों की कमजोरी: निष्क्रियता (Sedentary Lifestyle) के कारण पीठ और पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। कमजोर मांसपेशियां रीढ़ को पर्याप्त सपोर्ट नहीं दे पातीं, जिससे दर्द और सूजन बढ़ जाती हैं।
- ब्लड सर्कुलेशन की कमी: लगातार बैठने से रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे रीढ़ के आसपास की टिशूज और डिस्क को पोषण नहीं मिल पाता।
इन सभी कारणों से धीरे-धीरे स्पॉन्डिलाइटिस जैसी गंभीर स्थितियां विकसित हो सकती हैं।
ऑफिस कर्मचारियों में आम लक्षण
ऑफिस में लंबे समय तक बैठने वाले लोग अक्सर कुछ सर्वसामान्य लक्षणों की शिकायत करते हैं, जिनमें शामिल है:
- गर्दन या पीठ में लगातार दर्द: खासकर काम खत्म होने के बाद।
- सिरदर्द और कंधों में जकड़न: कंप्यूटर स्क्रीन को लंबे समय तक देखने से।
- पैरों में दर्द या कमजोरी: लम्बर स्पॉन्डिलाइटिस के कारण नसों पर दबाव पड़ने से।
- थकान और सुस्ती: लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने से शरीर कठोर हो जाता है।
- गतिशीलता में कमी: सुबह उठने पर या लंबे समय तक बैठने के बाद शरीर अकड़ जाता है।
यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो समस्या और गंभीर हो सकती है।
बचाव और समाधान
स्पॉन्डिलाइटिस से बचने के लिए जरूरी है कि एक ऑफिस कर्मचारी अपनी आदतों और जीवनशैली में कुछ बदलाव करें:
सही मुद्रा अपनाएं:
- कुर्सी पर बैठते समय पीठ सीधी और कमर सपोर्टेड होनी चाहिए।
- स्क्रीन आंखों के स्तर पर होनी चाहिए ताकि गर्दन झुकानी न पड़े।
ब्रेक लें:
- हर 45 मिनट बाद उठकर 2-3 मिनट चलें या हल्के स्ट्रेच करें।
- छोटे-छोटे ब्रेक लेने से रीढ़ और मांसपेशियों पर दबाव कम होता है।
हल्के व्यायाम और योग:
- कैट-काउ पोज़, बालासन, और पेल्विक टिल्ट्स जैसे योगासन रीढ़ को लचीला और मजबूत बनाते हैं।
- नियमित वॉक और हल्की स्ट्रेचिंग भी फायदेमंद है।
लाइफस्टाइल में बदलाव:
- संतुलित आहार लें जिसमें कैल्शियम और विटामिन D की पर्याप्त मात्रा हो।
- धूम्रपान और अत्यधिक कॉफी से बचें।
बिना सर्जरी के उपचार:
अगर दर्द लगातार बना रहे, तो नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट जैसे आधुनिक उपचार सहायक हो सकते हैं। यह उपचार कंप्यूटर-नियंत्रित तकनीक से रीढ़ पर दबाव कम करता है और डिस्क को प्राकृतिक रूप से ठीक होने में मदद करता है। इसमें दवा, इंजेक्शन, या सर्जरी की जरूरत नहीं होती।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- अगर दर्द 2-3 हफ्तों तक बना रहे।
- दर्द रात में ज्यादा बढ़ जाए।
- पैरों या हाथों में झनझनाहट या सुन्नपन हो।
- चलने, बैठने, या खड़े होने में कठिनाई होने लगे।
समय पर विशेषज्ञ से परामर्श लेने से समस्या का सही समाधान मिल सकता है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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