स्लिप डिस्क (Slipped Disc) आज के समय में एक आम, लेकिन परेशान करने वाली रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या बन गई है। यह समस्या तब होती है जब रीढ़ की हड्डियों के बीच मौजूद स्पाइनल डिस्क (जो एक कुशन की तरह काम करती है) अपनी जगह से खिसक जाती है और आसपास की नसों पर दबाव डालने लगती है। इसका परिणाम होता है पीठ दर्द, टांगों में झनझनाहट, सुन्नपन, और चलने-फिरने में परेशानी के स्वरूप में।
हालांकि कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है, लेकिन अधिकतर स्थितियों में बिना सर्जरी के भी दर्द से राहत पाना संभव है। इसके लिए जरूरी है सही व्यायाम और सावधानी की।
प्रभावी व्यायाम
नीचे दिए गए व्यायाम स्लिप्ड डिस्क के मामले में सहायक हो सकते हैं।
1. पेल्विक टिल्ट (Pelvic Tilt)
यह एक सरल लेकिन बेहद कारगर व्यायाम है, जो रीढ़ की स्थिरता को बढ़ाता है और पीठ के निचले हिस्से में जरूरी खिंचाव पैदा करता है।
कैसे करें:
- पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें, और पैरों को ज़मीन पर रखें।
- पेट की मांसपेशियों को कसें और पीठ को ज़मीन की ओर दबाएं।
- कुछ सेकंड होल्ड करें और फिर ढीला छोड़ दें।
- इसे 10-15 बार दोहराएं।
2. हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (Hamstring Stretch)
यह व्यायाम जांघों की पिछली मांसपेशियों को खोलता है और पीठ पर पड़ने वाले तनाव को कम करता है।
कैसे करें:
- पीठ के बल लेट जाएं।
- एक पैर सीधा रखें और दूसरे पैर को उठाकर स्ट्रेच करें।
- हाथों से जांघ या पिंडली को पकड़कर 20-30 सेकंड तक पकड़े रखे।
3. कैट-काउ पोज (Cat-Cow Pose)
यह योग-आधारित व्यायाम रीढ़ की गति और लचीलापन सुधारता है।
कैसे करें:
- हाथ और घुटनों के बल आए।
- श्वास लेते हुए पीठ को नीचे झुकाएं (काउ पोज) और सिर ऊपर उठाएं।
- श्वास छोड़ते हुए पीठ को ऊपर उठाएं और ठोड़ी को सीने की ओर लाएं (कैट पोज)।
- इसे 10-15 बार दोहराएं।
4. ब्रिज पोज (Bridge Pose)
यह पीठ और कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है जिससे रीढ़ को बेहतर सपोर्ट मिलता है।
कैसे करें:
- पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें, और पैरों को ज़मीन पर रखें।
- कंधों और एड़ियों पर वजन डालकर अपने कूल्हों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
- कुछ सेकंड होल्ड करें, फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।
5. हल्की वॉकिंग और डीप ब्रीदिंग
स्लिप डिस्क से पीड़ित लोगों को लंबी वॉक नहीं करनी चाहिए; लेकिन रोज़ाना 10-15 मिनट हल्के से टहलना बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ गहरी सांसें लेना मानसिक तनाव को कम करता है और मांसपेशियों में ऑक्सीजन प्रवाह को बढ़ाता है।
ज़रूरी सावधानियाँ
कुछ सावधानियां बरतने से भविष्य में दोबारा दर्द होने की संभावना घटती है।
- झटकों से बचें: कोई भी व्यायाम धीरे-धीरे और नियंत्रित गति से करें। अचानक खिंचाव या झटके से डिस्क पर और अधिक दबाव पड़ सकता है।
- दर्द बढ़े तो रुक जाएं: अगर किसी व्यायाम के दौरान या बाद में दर्द बढ़ता है, तो उसे तुरंत रोक दें। ज़रूरत हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
- लगातार बैठना या झुकना टालें: लंबे समय तक कुर्सी पर बैठना या झुककर काम करना स्लिप डिस्क की स्थिति को बिगाड़ सकता है। हर 30 मिनट में थोड़ा खड़े हो जाएं या स्ट्रेच करें।
- सही मुद्रा अपनाएं: बैठते समय पीठ को सीधा रखें और पैर ज़मीन पर रखें। लैपटॉप या स्क्रीन आंखों के स्तर पर रखें ताकि गर्दन झुकानी न पड़े।
- किसी विशेषज्ञ की निगरानी में व्यायाम करें: सभी व्यायाम किसी योग्य फिजियोथेरेपिस्ट या रीढ़ के विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही शुरू करें। क्योंकि हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, तो उसी के अनुसार व्यायाम चुनना ज़रूरी है।
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