आज के समय में पीठ दर्द (Back Pain) एक बेहद आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। लंबे समय तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल, गलत मुद्रा में बैठना, तनाव, या भारी वजन उठाना, ये सब कारण हैं जो पीठ की हड्डियों, मांसपेशियों और नसों पर असर डालते हैं।
कई बार लोग इसे सामान्य दर्द समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन जब दर्द कमर से पैरों तक फैलने लगे, तो यह साइटिका (Sciatica) का संकेत हो सकता है। दोनों में फर्क समझना जरूरी है, क्योंकि सही पहचान से ही सही इलाज संभव है।
दीर्घकालिक पीठ दर्द क्यों होता है?
पुराना पीठ दर्द वह स्थिति है जब रीढ़, मांसपेशियों, लिगामेंट, या डिस्क पर अत्यधिक दबाव या तनाव पड़ता है। इसका दर्द अक्सर निचली कमर (Lower Back) में महसूस होता है, और कभी-कभी यह एक स्थान तक सीमित रहता है।
पीठ दर्द के प्रमुख कारण:
- गलत मुद्रा (Poor Posture): झुककर बैठना या गलत तरीके से उठना
- लंबे समय तक बैठना: विशेषकर ऑफिस या ड्राइविंग के दौरान
- भारी वजन उठाना: जिससे रीढ़ पर दबाव बढ़ जाता है
- तनाव और निष्क्रियता: मांसपेशियों की कमजोरी और अकड़न का कारण
लक्षण:
- कमर में जकड़न या खिंचाव
- किसी एक हिस्से में दर्द महसूस होना
- हल्की सूजन या अकड़न
- उठने-बैठने या झुकने पर दर्द का बढ़ना
अक्सर यह दर्द आराम, हल्की स्ट्रेचिंग, या फिजियोथेरेपी से ठीक हो जाता है। लेकिन जब दर्द लगातार बना रहे और फैलने लगे, तो यह सिर्फ “बैक पेन” नहीं बल्कि साइटिका हो सकता है।
साइटिका क्या है और यह कैसे जुड़ा है पीठ दर्द से?
साइटिका एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की सबसे बड़ी साइटिक नर्व (Sciatic Nerve) दब जाती है या चिढ़ जाती है। यह नर्व कमर से निकलकर कूल्हों और पैरों तक जाती है। जब यह दबाव में आती है, तो दर्द कमर से शुरू होकर नीचे पैरों तक फैलता है।
साइटिका के मुख्य कारण:
- हर्नियेटेड डिस्क या डिस्क बल्ज: डिस्क अपनी जगह से खिसककर नस पर दबाव डालती है।
- स्पाइनल स्टेनोसिस: रीढ़ की नली संकुचित हो जाती है, जिससे नस दबती है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: जोड़ों में सूजन और हड्डियों के बढ़ने से नसें प्रभावित होती हैं।
- मांसपेशियों का खिंचाव: खासकर पिरिफोर्मिस मसल के तनाव से।
लक्षण:
- कमर से पैरों तक जलन या झनझनाहट
- पैरों या पंजों में सुन्नपन
- लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने पर दर्द बढ़ना
- चलने या सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई
साइटिका और सामान्य पीठ दर्द में फर्क:
लक्षण | सामान्य पीठ दर्द | साइटिका का दर्द |
---|---|---|
दर्द का स्थान | सिर्फ कमर या पीठ तक सीमित | कमर से पैर तक फैलता हुआ |
दर्द का प्रकार | हल्का, स्थानीय दर्द | तेज़, जलन, या झनझनाहट जैसा |
अतिरिक्त लक्षण | अकड़न या सूजन | झनझनाहट, सुन्नपन, पैरों में कमजोरी |
कारण | मांसपेशियों या लिगामेंट की समस्या | हर्नियेटेड डिस्क या नर्व पर दबाव |
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर आपका दर्द:
- तीन हफ्तों से ज्यादा बना हुआ है,
- पैरों में कमजोरी या सुन्नपन के साथ है,
- रात में या आराम के समय भी बढ़ता है,
- तो तुरंत स्पाइन विशेषज्ञ से परामर्श लें।
बिना सर्जरी के उपचार विकल्प
साइटिका या दीर्घकालिक बैक पेन के लिए आज कई नॉन-सर्जिकल विकल्प उपलब्ध हैं जो सुरक्षित और प्रभावी हैं।
1. फिजियोथेरेपी और व्यायाम:
फिजियोथेरेपिस्ट की निगरानी में किए गए स्ट्रेचेस मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ाते हैं।
स्ट्रेचेस जैसे की, कैट-काउ स्ट्रेच, हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, और पेल्विक टिल्ट्स।
2. हीट और कोल्ड थेरेपी:
- बर्फ लगाने से सूजन कम होती है।
- गर्म सेक से रक्त प्रवाह बढ़ता है और दर्द में राहत मिलती है।
3. पोस्टर करेक्शन:
लंबे समय तक झुककर बैठने की आदत छोड़ें।
सीधी कमर और सपोर्टिव चेयर का इस्तेमाल करें।
4. एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट:
ओमेगा-3, हल्दी, अदरक जैसे खाद्य पदार्थ सूजन कम करने में मदद करते हैं।
5. नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट:
यह सबसे आधुनिक और प्रभावी इलाजों में से एक है। इसमें मरीज को एक कंप्यूटर-नियंत्रित डीकंप्रेशन टेबल पर रखा जाता है, जो रीढ़ को धीरे-धीरे खींचकर नसों पर बने दबाव को कम करती है।
कैसे काम करता है:
- डिस्क पर दबाव कम होता है।
- साइटिक नर्व पर तनाव घटता है।
- पोषक तत्व और ऑक्सीजन डिस्क में दोबारा पहुंचते हैं।
- प्राकृतिक हीलिंग प्रक्रिया सक्रिय होती है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट पूरी तरह दवा-मुक्त, बिना इंजेक्शन, और बिना सर्जरी के होता है, और कुछ ही हफ्तों में राहत मिल सकती है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन के फायदे:
- दर्द के मूल कारण पर काम करता है।
- शरीर की प्राकृतिक हीलिंग को बढ़ाता है।
- कोई साइड इफेक्ट नहीं।
- रिकवरी टाइम की जरूरत नहीं।
- मरीज जल्दी अपने सामान्य जीवन में लौट सकता है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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