आजकल दीर्घकालिक गर्दन दर्द, पीठ दर्द, और स्पाइनल डिस्क से जुड़ी समस्याएं जैसे स्लिप डिस्क, डिस्क बल्ज, या साइटिका, आम होती जा रही हैं। इनमें से कई समस्याओं का इलाज पारंपरिक तौर पर दवा, इंजेक्शन, या सर्जरी से किया जाता रहा है।
लेकिन अब एक आधुनिक और बिना-सर्जरी की, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति तेजी से लोकप्रिय हो रही है, और वह है नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट (Non-Surgical Spinal Decompression Treatment)। यह ट्रीटमेंट बिना किसी चीरफाड़ के, रीढ़ की हड्डी से दबाव हटाकर दर्द में राहत देती है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि यह ट्रीटमेंट कैसे काम करती है और कितनी असरदार है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट क्या है?
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट (NSSDT) एक वैज्ञानिक और कंप्यूटर-नियंत्रित उपचार पद्धति है। इसमें मरीज को एक विशेष डीकंप्रेशन टेबल पर लिटाया जाता है और मशीन के ज़रिए रीढ़ की हड्डी पर धीरे-धीरे, नियंत्रित खिंचाव डाला जाता है।
इस प्रक्रिया के दौरान रीढ़ की हड्डी के बीच की जगह थोड़ी बढ़ जाती है जिससे:
- डिस्क के अंदर निगेटिव प्रेशर बनता है।
- बाहर निकला हुआ डिस्क के अंदर का पदार्थ वापस अपनी जगह लौटता है।
- नसों पर से दबाव कम होता है।
- डिस्क में पोषक तत्व, पानी, और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे प्राकृतिकरूप से उपचार होता है।
यह ट्रीटमेंट उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो सर्जरी से डरते हैं या दवाओं के दुष्प्रभावों से बचना चाहते हैं। कई मरीजों को उपचार के कुछ सत्रों के बाद ही राहत मिल जाती है। चूंकि उपचार दर्द के मूल कारण को लक्षित करता है, इसलिए मरीजों दीर्घकालिक राहत मिलती है।
ट्रीटमेंट से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू
यह पूरी प्रक्रिया दर्द रहित, आरामदायक, और बिना किसी दवा या सर्जरी के की जाती है।
नॉन-सर्जिकल और दवा-मुक्त:
इस प्रक्रिया में न तो चीरफाड़ होती है और न ही दवा या इंजेक्शन दिए जाते हैं। इसलिए साइड इफेक्ट्स या इन्फेक्शन का खतरा नहीं होता।
FDA स्वीकृत तकनीक:
यह ट्रीटमेंट अमेरिका की FDA (Food and Drug Administration) द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो इसकी प्रभावशीलता और सुरक्षा की पुष्टि करता है।
अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा नियंत्रित:
NSSDT पूरी तरह से कंप्यूटर-नियंत्रित होती है और प्रत्येक मरीज के अनुसार इसे कस्टमाइज़ किया जाता है। अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट या रीढ़ विशेषज्ञ इसकी निगरानी करते हैं, जिससे अनावश्यक खिंचाव या दर्द नहीं होता।
कोई रिकवरी टाइम नहीं:
चूंकि इसमें किसी प्रकार की सर्जरी नहीं होती, मरीज को बेड रेस्ट या रिकवरी पीरियड की जरूरत नहीं होती। अधिकतर मरीज इलाज के बाद तुरंत सामान्य गतिविधियों में लौट सकते हैं।
आरामदायक और दर्द रहित:
ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती। बल्कि यह प्रक्रिया आमतौर पर काफी आरामदायक और रिलैक्सिंग होती है।
किन्हें यह ट्रीटमेंट नहीं लेनी चाहिए?
हालांकि NSSDT अधिकतर मरीजों के लिए सुरक्षित है, फिर भी कुछ विशेष स्थितियों में यह उपयुक्त नहीं हो सकती:
- हड्डियों का फ्रैक्चर: अगर मरीज की रीढ़ की हड्डी में ताजा फ्रैक्चर हो, तो यह ट्रीटमेंट नहीं की जानी चाहिए।
- कैंसर या ट्यूमर: अगर रीढ़ में कोई ट्यूमर है या मरीज कैंसर से पीड़ित है, तो पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।
- गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस: कमजोर हड्डियों वाले मरीजों के लिए NSSDT जोखिमपूर्ण हो सकती है।
- गर्भवती महिलाएं: गर्भावस्था के दौरान यह ट्रीटमेंट नहीं कराई जानी चाहिए, जब तक डॉक्टर से विशेष अनुमति न मिले।
हर मरीज की स्थिति अलग होती है, इसलिए नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट से पहले एक पूरी मेडिकल जांच और योग्य विशेषज्ञ से परामर्श जरूरी होता है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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