आजकल कमर और गर्दन से जुड़ी समस्याएँ बहुत आम हो गई हैं। लंबे समय तक बैठकर काम करना, गलत पोश्चर, मोबाइल-लैपटॉप का अधिक उपयोग, और शारीरिक गतिविधि की कमी, इसके प्रमुख कारण हैं।
इन समस्याओं में अक्सर दो नाम सुनने को मिलते हैं और वोह हैं डिस्क बल्ज (Disc bulge) और स्लिप डिस्क (Slip Disc)। कई लोग इन दोनों को एक ही समस्या समझ लेते हैं, जबकि वास्तव में ये अलग-अलग स्थितियाँ हैं। सही उपचार के लिए इनके बीच के अंतर को समझना बेहद जरूरी है।
रीढ़ की डिस्क की संरचना को समझें
हमारी रीढ़ की हड्डी कई छोटी-छोटी हड्डियों (वर्टिब्रा) से बनी होती है। इन हड्डियों के बीच स्पाइनल डिस्क होती हैं, जो कुशन की तरह काम करती हैं।
डिस्क के दो मुख्य भाग होते हैं:
- बाहरी सख्त परत
- अंदर का मुलायम जेल जैसा भाग
डिस्क का काम रीढ़ को लचीलापन देना, झटकों को सहना, और मूवमेंट को आसान बनाना है। जब किसी कारण से इन डिस्क की संरचना बिगड़ती है, तब डिस्क बल्ज या स्लिप डिस्क जैसी समस्याएँ पैदा होती हैं।
डिस्क बल्ज क्या है?
डिस्क बल्ज उस स्थिति को कहते हैं जब डिस्क अपनी सामान्य सीमा से थोड़ी बाहर की ओर उभर जाती है। इसमें डिस्क की बाहरी परत फटती नहीं है, लेकिन उभरी हुई डिस्क पास की नसों पर दबाव डाल सकती है।
डिस्क बल्ज की विशेषताएँ
- यह आमतौर पर शुरुआती या हल्की समस्या मानी जाती है।
- दर्द हल्का या मध्यम हो सकता है।
- कई बार कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते।
- लंबे समय तक गलत पोश्चर या उम्र बढ़ने से यह समस्या पैदा हो सकती है।
अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो डिस्क बल्ज आगे चलकर स्लिप डिस्क में बदल सकता है।
स्लिप डिस्क क्या है?
स्लिप डिस्क को मेडिकल भाषा में हर्निएटेड डिस्क भी कहा जाता है। इसमें डिस्क की बाहरी परत कमजोर होकर फट जाती है और अंदर का जेल जैसा पदार्थ बाहर निकल आता है। यह बाहर निकला हुआ पदार्थ आसपास की नसों पर ज्यादा दबाव डालता है, जिससे दर्द और अन्य लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं।
स्लिप डिस्क की विशेषताएँ
- दर्द तेज और लगातार हो सकता है।
- दर्द कमर या गर्दन से हाथों या पैरों तक फैल सकता है।
- झनझनाहट, सुन्नपन, और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- चलने, बैठने, या सोने में परेशानी होती है।
डिस्क बल्ज और स्लिप डिस्क में मुख्य अंतर
| समस्या | डिस्क बल्ज | स्लिप डिस्क |
|---|---|---|
| गंभीरता | हल्की से मध्यम | ज्यादा गंभीर |
| डिस्क की स्थिति | बाहर की ओर उभार | अंदर का पदार्थ बाहर निकलना |
| नसों पर दबाव | कम या मध्यम | अधिक |
| लक्षण | कभी-कभी हल्के | स्पष्ट और तीव्र |
| रिकवरी | जल्दी संभव | समय लग सकता है |
डिस्क बल्ज और स्लिप डिस्क के सामान्य लक्षण
- कमर या गर्दन में दर्द
- दर्द का हाथों या पैरों तक फैलना
- सुन्नपन या झनझनाहट
- मांसपेशियों में कमजोरी
- लंबे समय तक बैठने या खड़े होने में परेशानी
लक्षणों की तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि नसों पर कितना दबाव पड़ रहा है।
उपचार विकल्प
अच्छी बात यह है कि डिस्क बल्ज और स्लिप डिस्क के अधिकांश मामलों में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। सही समय पर नॉन-सर्जिकल उपचार अपनाकर राहत पाई जा सकती है।
लाइफस्टाइल में बदलाव
- सही पोश्चर में बैठना और काम करना
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठना
- नियमित हल्की गतिविधियाँ करना और चलना
फिजियोथेरेपी
विशेषज्ञ की निगरानी में की गई फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को मजबूत करती है और दर्द कम करने में मदद करती है।
स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज़
सही एक्सरसाइज़ से लचीलापन बढ़ता है और नसों पर दबाव कम होता है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट
यह एक आधुनिक, कंप्यूटर-नियंत्रित, और पूरी तरह बिना सर्जरी का उपचार है।
इसमें रीढ़ को कोमल खिंचाव दिया जाता है, जिससे:
- डिस्क पर बना दबाव कम होता है
- नसों को राहत मिलती है
- डिस्क को पोषण और पानी वापस मिलता है
- शरीर की प्राकृतिक रूप से ठीक होने की प्रक्रिया सक्रिय होती है
सबसे खास बात यह है कि नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट में कोई दवा, इंजेक्शन, या सर्जरी शामिल नहीं होती।
सर्जरी
सर्जरी को अंतिम विकल्प माना जाता है और यह केवल उन्हीं मामलों में की जाती है जहाँ दर्द बहुत गंभीर हो और अन्य उपचारों से राहत न मिल रही हो।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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