डिस्क बल्ज (Disc Bulge), जिसे सामान्य भाषा में “स्लिप डिस्क” भी कहा जाता है, आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली में और बैठकर काम करने वालों के लिए एक आम समस्या बन चुकी है।
यह समस्या तब होती है जब रीढ़ की हड्डी के बीच मौजूद स्पाइनल डिस्क में फुलाव आकर वोह अपनी सामान्य स्थिति से बाहर निकल आती है और पास की नसों पर दबाव डालने लगती है। इसका असर न केवल पीठ दर्द या गर्दन दर्द के रूप में होता है, बल्कि इससे जुड़ी नसों में झनझनाहट, सुन्नपन, और कमजोरी जैसी परेशानियाँ भी सामने आती हैं।
जहाँ पारंपरिक इलाजों में अक्सर सर्जरी, दवाएं, और इंजेक्शन शामिल होते हैं, वहीं अब नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट (NSSDT) एक आधुनिक, सुरक्षित, और प्रभावशाली विकल्प के रूप में उभर रहा है। यह तकनीक बिना किसी चीरफाड़ या दवा के, शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ करने में सहायक होती है।
डिस्क बल्ज के लक्षण और कारण
डिस्क बल्ज के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं।
इसके मुख्य लक्षण हैं:
- पीठ या गर्दन में लगातार दर्द: खासकर जब दर्द चलते-फिरते या बैठने से और बढ़ जाए।
- हाथों या पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन: क्योंकि बाहर निकली डिस्क नसों पर दबाव डालती है।
- कमजोरी या भारीपन महसूस होना: विशेषकर टांगों या बाहों में।
- चलने-फिरने में परेशानी: कुछ मामलों में बैलेंस बनाए रखना भी मुश्किल हो जाता है।
मुख्य कारण:
- गलत मुद्रा: लंबे समय तक झुककर बैठना या खड़े रहना।
- भारी वजन उठाना: बिना उचित तकनीक के वजन उठाना डिस्क को प्रभावित करता है।
- उम्र का असर: बढ़ती उम्र के साथ डिस्क में मौजूद तरलता कम होने लगती है।
- शारीरिक गतिविधि की कमी: जिससे रीढ़ का लचीलापन और उसकी ताकत कम हो जाती है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट क्या है और कैसे काम करता है
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट (NSSDT) एक कंप्यूटर-नियंत्रित, वैज्ञानिक, और आधुनिक इलाज की प्रक्रिया है। इसमें मरीज को एक विशेष टेबल पर आराम से लिटाया जाता है और मशीन के ज़रिए रीढ़ की हड्डी पर धीरे-धीरे नियंत्रित खिंचाव डाला जाता है।
यह ट्रीटमेंट कैसे काम करती है:
- निगेटिव प्रेशर उत्पन्न होता है: खिंचाव के दौरान रीढ़ की हड्डियों के बीच की जगह बढ़ती है, जिससे डिस्क के अंदर निगेटिव प्रेशर बनता है।
- डिस्क वापस अपनी जगह आती है: डिस्क के अंदर का दबा हुआ पदार्थ वापस अंदर खिंच जाता है, जिससे नसों पर का दबाव हटता है।
- डिस्क में पुनः हाइड्रेशन होता है: निगेटिव प्रेशर के कारण डिस्क में पोषक तत्व, पानी, और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे डिस्क ठीक होने की प्रक्रिया तेज होती है।
यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित, दर्द रहित, और आरामदायक होती है।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट के फायदे
निम्नलिखित फायदे इस उपचार को एक बेहतर विकल्प बनाते हैं।
1. बिना सर्जरी, दवा, या इंजेक्शन
यह ट्रीटमेंट बिना किसी काट-छांट से होती है, जिसमें किसी दवा या इंजेक्शन की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसलिए साइड इफेक्ट्स का खतरा नहीं होता।
2. दर्द से दीर्घकालिक राहत
यह ट्रीटमेंट दर्द के केवल लक्षण नहीं, बल्कि मूल कारण यानी नसों पर के दबाव को ही खत्म करता है। इसका असर लंबे समय तक बना रहता है।
3. कोई लम्बा रिकवरी का समय नहीं
एक सर्जरी की तरह, लम्बे समय तक बेडरेस्ट की जरूरत नहीं होती। मरीज ट्रीटमेंट के बाद सामान्य दिनचर्या में लौट सकते हैं।
4. नैचुरल हीलिंग को बढ़ावा
यह तकनीक शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रणाली को सक्रिय करती है, जिससे शरीर खुद को भीतर से ठीक करता है।
5. सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीका
यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तकनीक है और दुनिया भर के हजारों डॉक्टरों द्वारा अपनाई जा रही है।
ANSSI के बारे में:
ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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