स्पॉन्डिलाइटिस एक सर्वसामान्य और जटिल रीढ़ से जुड़ी समस्या है, जो आज के समय में तेजी से बढ़ रही है। यह स्थिति रीढ़ की हड्डी, खासकर गर्दन (सर्वाइकल) या पीठ (लम्बर/थोरेसिक) के जोड़ों में सूजन के रूप में उभर आती है। इससे व्यक्ति को दर्द, जकड़न, और हलचल में दिक्कत, ऐसी परेशानियां होती है।
कई लोग मानते हैं कि स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज केवल सर्जरी से ही संभव है, लेकिन हकीकत यह है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिए इस पर बिना सर्जरी के भी प्रभावी रूप से इलाज किया जा सकता है।
स्पॉन्डिलाइटिस क्या है?
स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डियों और जोड़ों में सूजन आ जाती है। यह सूजन जोड़ों की गतिशीलता को सीमित कर देती है और दर्द का कारण बनती है।
उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ की लचक कम हो जाती है, लेकिन खराब पोश्चर, लंबे समय तक बैठना, मानसिक तनाव, और कुछ ऑटोइम्यून विकार (जैसे एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस) भी स्पॉन्डिलाइटिस के कारण हो सकते हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे बढ़ती है और यदि समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह चलने-फिरने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
बिना सर्जरी के इलाज के विकल्प
स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज केवल ऑपरेशन से ही नहीं, बल्कि कुछ प्रभावी नॉन-सर्जिकल उपचारों से भी संभव है, जो दर्द कम करने और रीढ़ की कार्यक्षमता को वापस बहाल करने में मदद करते हैं।
फिजियोथेरेपी
व्यायाम और मांसपेशियों को मजबूत करने वाली तकनीकों के ज़रिए रीढ़ के आसपास की मांसपेशियों को मज़बूती दी जा सकती है। इससे जोड़ों पर दबाव कम होता है और लचीलापन बढ़ता है। स्ट्रेचिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ दर्द कम करने में भी उपयोगी हैं।
पोश्चर करेक्शन
गलत बैठने या खड़े होने की आदतें स्पॉन्डिलाइटिस को और भी बढ़ा सकती हैं। इसलिए फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से सही पोस्चर की जानकारी और अभ्यास जरूरी है। कुर्सी, डेस्क, और मोबाइल स्क्रीन की ऊँचाई को बराबर रखना बहुत जरूरी है।
जीवन शैली में बदलाव
नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और तनाव प्रबंधन उपाय (जैसे योग या ध्यान), स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड, हल्दी, और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों से भरे आहार सूजन को कम करते हैं।
दर्द प्रबंधन तकनीकें
हीट थेरेपी (गर्म पानी की थैली), कोल्ड पैक, अल्ट्रासाउंड थेरेपी, और इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन जैसी तकनीकें कुछ समय के लिए दर्द और सूजन को कम करने में मददगार होती हैं।
नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन ट्रीटमेंट
यह एक शस्त्रक्रियाहीन तकनीक है, जिसमें रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे खींचा जाता है ताकि स्पाइनल डिस्क और नसों पर से दबाव हटाया जा सके। स्पाइनल डीकंप्रेशन रीढ़ की संरचना को संतुलन देती है और सूजन कम करने में मदद करती है।
डॉक्टर से कब संपर्क करें
हालांकि अधिकांश स्पॉन्डिलाइटिस के मामलों को घरेलू उपायों और नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट से नियंत्रण में रखा जा सकता है, अगर निम्नलिखित लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत स्पाइन से संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें:
- दर्द जो लगातार बना रहता है और आराम करने से भी नहीं जाता
- रात के समय दर्द बढ़ता है
- चलने, झुकने, या उठने में कठिनाई होती है
- हाथ या पैरों में सुन्नपन या कमजोरी महसूस होती है
समय पर निदान और सही चिकित्सा से स्पॉन्डिलाइटिस के बढ़ने से पहले ही उसे रोका जा सकता है।
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ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।
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