आज के समय में गर्दन का दर्द (neck pain) एक आम समस्या बन गई है। ख़ासकर वोह लोग जो दिनभर डेस्क पर काम करते हैं, कंप्यूटर या मोबाइल का लगातार उपयोग करते हैं, या फिर हमेशा तनाव में रहते हैं, उनके लिए यह दर्द परेशानी का कारण बन जाता है।
अच्छी खबर यह है कि योग और स्ट्रेचिंग, बिना दवा के, प्राकृतिक और प्रभावी समाधान प्रदान करते हैं, जिससे गर्दन का दर्द कम होता है।
क्यों होता गर्दन का दर्द?
गर्दन दर्द के कई सामान्य कारण होते हैं, जैसे की मांसपेशियों में अकड़न, गलत मुद्रा, घंटों कंप्यूटर पर झुककर बैठना, या मानसिक तनाव। जब गर्दन और कंधों की मांसपेशियां अकड़ जाती है और सपोर्ट देने वाले ढांचे कमजोर पड़ते हैं, तो दर्द, जकड़न, और हलचल सीमित होना ऐसी तक़लीफ़े बढ़ जाती है। अगर इन्हे अनदेखा किया जाए, तो यह सिरदर्द, पीठ दर्द, और यहां तक कि हाथों में सुन्नपन तक बढ़ सकते है।
योग और स्ट्रेचिंग के फायदे
सौम्य और नियमित स्ट्रेचिंग मांसपेशियों के लचीलेपन को बढ़ाती है, अकड़न कम करती है, और रक्त प्रवाह में सुधार करती है। योग इससे भी आगे जाकर माइंडफुलनेस (सचेत रहना) और उचित श्वास लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे न केवल शारीरिक राहत मिलती है बल्कि मानसिक तनाव भी घटता है। योग का नियमित अभ्यास शरीर और मन दोनों को संतुलित करता है, जो गर्दन दर्द को जड़ से ठीक करने में मदद करता है।
उचित योगासन
गर्दन और ऊपरी पीठ की मांसपेशियों के लिए कुछ खास योगासन बेहद लाभकारी होते हैं:
मार्जारियासन (कैट-काउ पोज)
यह रीढ़ और गर्दन में लचीलापन बढ़ाता है।
कैसे करे:
- हाथ और घुटनों के बल आ जाएं।
- श्वास लेते हुए पेट को नीचे करें, सिर और छाती ऊपर उठाएं (काउ पोज)।
- श्वास छोड़ते हुए पीठ को गोल करें और ठुड्डी को छाती की ओर लाएं (कैट पोज)।
- इसे 10-15 बार दोहराएं।
बालासन (चाइल्ड पोज)
यह गर्दन और पीठ को रिलैक्स करता है।
कैसे करे:
- एड़ी पर बैठें।
- माथा ज़मीन पर रखें और हाथ आगे की ओर फैलाएं।
- गहरी सांस लें और पीठ व गर्दन को आराम दें।
- 30 सेकंड से 1 मिनट तक उसी स्थिति में रहें।
उर्ध्वमुख पसासन (थ्रेड द नीडल)
यह कंधे और गर्दन के तनाव को कम करता है।
कैसे करे:
- हाथ और घुटनों के बल आये।
- दाहिने हाथ को बाईं तरफ से ज़मीन पे नीचे ले जाएं।
- दाहिना कंधा और कान ज़मीन पर रखें।
- 30 सेकंड होल्ड करें और फिर दूसरी ओर दोहराएं।
ग्रीवा संचालन (सीटेड नेक रोल्स)
यह गर्दन की जकड़न दूर करता है।
कैसे करे:
- आराम से बैठें।
- धीरे-धीरे गर्दन को एक तरफ से घुमाते हुए पूरा गोल घुमाएं।
- दोनों दिशाओं में 5-5 बार करें।
दिन में 10-15 मिनट का समय निकालकर इन योगासनों का अभ्यास करने से बड़ा फर्क महसूस होता है।
गर्दन दर्द के लिए सरल स्ट्रेचिंग व्यायाम
अगर आपके पास ज्यादा समय नहीं है, तो कुछ आसान स्ट्रेचिंग व्यायाम भी गर्दन दर्द में राहत दे सकते हैं:
साइड नेक टिल्ट (Side Neck Tilts)
यह व्यायाम गर्दन के साइड की जकड़ी मांसपेशियों को ढीला करता है।
कैसे करे:
- सीधे खड़े रहे या बैठें।
- धीरे-धीरे सिर को दाईं ओर झुकाएं, जैसे कान को कंधे से छूने की कोशिश कर रहे हों।
- दूसरे कंधे को नीचे ढीला रखें।
- 20–30 सेकंड रोकें, फिर सीधा करें।
- अब बाईं ओर दोहराएं।
चिन टक (Chin Tuck)
यह गर्दन के पिछले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रीढ़ को सीधा रखता है।
कैसे करे:
- सीधे बैठें या खड़े हों।
- ठुड्डी को धीरे-धीरे अंदर खींचें, जैसे डबल चिन बना रहे हों। गर्दन लंबी महसूस होनी चाहिए।
- 5 सेकंड रोकें, फिर ढीला छोड़ें।
- इसे 10–15 बार दोहराएं।
अप्पर ट्रैपेज़ियस स्ट्रेच (Upper Trapezius Stretch)
यह कंधे और गर्दन के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों को आराम देता है।
कैसे करे:
- सीधे बैठें।
- सिर को दाईं ओर झुकाएं और दाहिने हाथ से सिर पर हल्का दबाव दें।
- बाएं हाथ को नीचे लटकने दें या कुर्सी पकड़ें।
- 20-30 सेकंड होल्ड करें, फिर बाईं ओर दोहराएं।
हर स्ट्रेच को 20-30 सेकंड तक होल्ड करें और 2-3 बार दोहराएं। दिन में दो बार इन्हें करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
सुरक्षा टिप्स
योग या स्ट्रेचिंग करते समय सबसे जरूरी बात यह है कि धीरे-धीरे और ध्यानपूर्वक हलचल करें। अपनी सीमा से ज़्यादा खिंचाव न करें और अगर दर्द बढ़ रहा हो या लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लें। बिना सलाह के कोई भी जटिल योगासन न करे।
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