स्पॉन्डिलोसिस उम्र बढ़ने के साथ-साथ गर्दन (सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस) या कमर (लम्बर स्पॉन्डिलोसिस) में दर्द, जकड़न, और मूवमेंट में कमी का कारण बनती है।

स्पोंडिलोसिस के लिए सही व्यायाम और गलत आदतें जो समस्या बढ़ा सकती हैं

आज की तेज़ रफ़्तार और बैठ के काम करने वाली जीवनशैली के कारण रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। स्पॉन्डिलोसिस उन्हीं में से एक समस्या है, जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ गर्दन (सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस) या कमर (लम्बर स्पॉन्डिलोसिस) में दर्द, जकड़न, और मूवमेंट में कमी का कारण बनती है।

यह रीढ़ की हड्डी में धीरे-धीरे होने वाले घिसाव (डीजेनरेशन) के कारण होता है; लेकिन गलत आदतें और लापरवाही इसे और गंभीर बना सकती हैं।

सही व्यायाम क्यों ज़रूरी हैं

रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाए रखना, स्पॉन्डिलोसिस में राहत पाने का सबसे अहम तरीका है।

सही व्यायाम से:

  • मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है।
  • रीढ़ की लचक बनी रहती है।
  • रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे दर्द और जकड़न में कमी आती है।
  • रोज़मर्रा के काम आसान हो जाते हैं।

लेकिन ध्यान रहे, हर व्यायाम स्पॉन्डिलोसिस के मरीज के लिए सही नहीं होता। ज़रूरी है कि आप डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेकर ही व्यायाम करें।

स्पॉन्डिलोसिस के लिए सुझाए गए सही व्यायाम

सही व्यायाम से स्पॉन्डिलोसिस की समस्या लंबे समय तक नियंत्रण में रखी जा सकती है।

1. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
  • गर्दन की स्ट्रेच: गर्दन को धीरे-धीरे आगे-पीछे और दाएं-बाएं घुमाएं।
  • पीठ का हल्का खिंचाव: कुर्सी पर बैठकर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें।
2. लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज
  • चलना: रोज़ाना 20-30 मिनट टहलना, रीढ़ की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।
  • तैरना: पानी में व्यायाम करने से रीढ़ पर कम दबाव पड़ता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
  • योगासन: भुजंगासन और मकरासन रीढ़ को खिंचाव और मजबूती दोनों देते हैं।
3. कोर स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज

पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम, जैसे ब्रिज पोज़ या प्लैंक, रीढ़ को बेहतर सहारा देते हैं।

गलत आदतें जो समस्या बढ़ा सकती हैं

दर्द को दूर रखने के लिए कुछ चीजें न करें:

1. लंबे समय तक एक ही पोज़ीशन में बैठना या खड़े रहना

लगातार घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना या बिना मूवमेंट के बैठना, रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ाता है।

2. गलत पोश्चर में लैपटॉप/मोबाइल का इस्तेमाल

मोबाइल को नीचे झुककर देखने से सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस की समस्या तेज़ी से बढ़ सकती है।

3. अचानक भारी वजन उठाना

बिना तैयारी और सही तकनीक के भारी वस्तु उठाना रीढ़ में चोट पहुंचा सकता है।

4. व्यायाम में गलत तकनीक का प्रयोग

जिम में गलत तरीके से व्यायाम करना दर्द और सूजन बढ़ा सकता है।

सावधानियां और टिप्स

  • किसी भी व्यायाम की शुरुआत से पहले डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह ज़रूर लें।
  • धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता बढ़ाएं।
  • अपने शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें; दर्द बढ़ने पर व्यायाम रोक दें।
  • आराम और सही पोषण को भी दिनचर्या में शामिल करें।

सही समय पर सही कदम उठाकर आप न केवल दर्द से राहत पा सकते हैं, बल्कि एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन भी जी सकते हैं।

ANSSI के बारे में:

ANSSI Wellness रीढ़ की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। आधुनिक नॉन-सर्जिकल स्पाइनल डीकंप्रेशन उपचार के माध्यम से, ANSSI मरीजों को बिना-सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी, और देखभालपूर्ण माहौल में ठीक होने में मदद करता है।

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